यह फागुनी हवा |
मेरे दर्द की दवा |
ले आई...ई...ई...ई |
मेरे दर्द की दवा! |
आंगन ऽ बोले कागा |
पिछवाड़े कूकती कोयलिया |
मुझे दिल से दुआ देती आई |
कारी कोयलिया-या |
मेरे दर्द की दवा |
ले के आई-ई-दर्द की दवा! |
वन-वन |
गुन-गुन |
बोले भौंरा |
मेरे अंग-अंग झनन |
बोले मृदंग मन-- |
मीठी मुरलिया! |
यह फागुनी हवा |
मेरे दर्द की दवा ले के आई |
कारी कोयलिया! |
अग-जग अंगड़ाई लेकर जागा |
भागा भय-भरम का भूत |
दूत नूतन युग का आया |
गाता गीत नित्य नया |
यह फागुनी हवा...! |
(रचनाकाल : 1956 तथा 'सारिका' के 1 अप्रैल 1979 के अंक में प्रकाशित) |
Saturday, June 18, 2011
यह फागुनी हवा - फणीश्वर नाथ रेणु
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